प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की पत्रकारों से चर्चा....
- ANIS LALA DANI

- Aug 1
- 2 min read
पत्रकार अमृतेश्वर सिंह की कलम से:-
अमित शाह के बयान के बाद साफ ननों की गिरफ्तारी साजिश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूडीएफ सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से कहा है कि छत्तीसगढ़ में ननों की रिहाई में मदद करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे राज्य सरकार को कोर्ट में जमानत का विरोध नहीं करने के निर्देश देंगे।
अमित शाह के बयान से साफ हो गया कि राज्य सरकार ने बजरंग दल के दबाव में ननों को गलत ढंग से गिरफ्तार किया है। केरल भाजपा अध्यक्ष इस मामले में पहले ही कह चुके है कि ननें निर्दोष है उसकी गिरफ्तारी गलत है।

प्रदेश में बजरंग दल भय और आतंक का पर्याय बन चुका है
भाजपा सरकार के संरक्षण में प्रदेश में बजरंग दल भय और आतंक का पर्याय बन चुका है। कभी वे मुश्लिमों को टारगेट करते है, कभी इसाईयों को, कभी सिक्खों को। बजरंग दल के द्वारा फैलाये जा रहे आतंक से प्रदेश में अल्पसंख्यक वर्ग अपने को असुरक्षित महसूस कर रहा है। बजरंग दल के लोग अल्पसंख्यकों के साथ आदिवासियों को भी परेशान कर रहे क्योंकि आदिवासियों की पूजा पद्धति अलग बेहद दुर्भाग्यजनक है कि सरकार उनको संरक्षण दे रही है। बजरंग दल पर कार्यवाही नहीं करने तथा उनके आतंक को बढ़ावा देने के विरोध में कांग्रेस मुख्यमंत्री, गृह मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी।
सरकार मितानिनों को धोखा दे रही
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मितानिनों से वादा किया था वे उनके नियमित वेतन की व्यवस्था करंगे, उनका वेतन बढ़ायेंगे, उनका नियमितिकरण करेंगे। डेढ़ साल हो गया सरकार अपने वादे को पूरा नहीं कर रही। मितानिन बहनों को वेतन नहीं मिल रहा। 72000 से अधिक मितानिने हड़ताल पर है। प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था की नींव है, यह मितानिने सरकार इनकी मांग तुरंत माने। सरकार जिस प्रकार से मोदी की गारंटी भूल रही उससे लगता है ‘वादा करो भूल जाओ’ यही है मोदी की गारंटी।
तहसीलदार हड़ताल पर नारियल चढ़ाने के बाद भी निराकरण नहीं
प्रदेश के तहसीलदार हड़ताल पर है। पूरे प्रदेश में राजस्व का काम प्रभावित हो रहा है। बताते है तहसीलदारों ने नारियल की एक किस्त भी चढ़ा दिया है उसके बाद उनकी मांग नहीं मानी जा रही है। यह सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो चुकी है। उसे न कर्मचारियों की चिंता है, उसे न कर्मचारियों की चिंता है और न ही आम आदमी की परेशानी की। भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी सरकार का ध्येय वाक्य बन गया है।
किसानों को खाद नहीं मिलना सरकार की साजिश
पूरे प्रदेश में खाद की कमी को लेकर किसान परेशान है, बार-बार मांग करने विपक्ष की चेतावनी के बाद भी मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री खाद की कमी के बारे में मौन है। सरकार किसानों को खाद उपलब्ध करवाने में विफल साबित हो गयी है। खाद के मामले में सरकार का रवैया बताता है कि सरकार जानबूझकर खाद किसानों को नहीं देना चाहती ताकि धान की पैदावार कम हो और समर्थन मूल्य में ज्यादा खरीदी न करना पड़े। खाद की कमी सरकार की साजिश है।
माले मुफ्त दिले बेरहम
साजा विधायक ईश्वर साहू अपने स्वेच्छानुदान राशि का बड़ा हिस्सा अपने पीएसओ के रिश्तेदारों को बांट दिया। स्वेच्छानुदान की राशि जरूरतमंदों की मदद के लिए होता है। विधायक तो बंदरबांट करने में लगे है। कहावत है न कि माले मुफ्त दिले बेरहम।





.jpg)







