कलयुग में भी है श्रवण कुमार....
- ANIS LALA DANI
- Dec 14, 2023
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ब्रेकिंग ADN न्यूज़ :-
कभी हरिद्वार घुमाने के बहाने बच्चे रेलवे स्टेशन पर अपने बूढ़े मां-बाप को छोड़ देते हैं तो कभी घर के लालच में मां-बाप को घर से निकाल देते हैं. इस कलयुग में फरीदाबाद का एक श्रवण कुमार बेसहारा बुजुर्गों का सहारा बना है. प्रणव शुक्ला नाम के ये युवक अनादि नाम का एक वृद्धाश्रम चलाता है, जिसमें 42 बुजुर्ग रहते हैं. प्रणव शुक्ला एक वृद्धाश्रम चलाते हैं. जिसमें बेसहारा बुजुर्ग अपनी जिंदगी जी रहे हैं. प्रणव अपने कॉलेज के दिनों में एक बुजुर्ग को रेलवे स्टेशन में भटकते हुए देखा था. उसी दिन सोच लिया था कि बुजुर्गों के लिए काम करेंगे.
प्रणब ने साल 1996 में वृद्धाश्रम की शुरुआत की. उन्होंने तकरीबन तीन बुजुर्गों की जिम्मेदारी एक किराए के घर में ली थी. इस समय फरीदाबाद के पाली गांव के इस वृद्धाश्रम में 42 बुजुर्ग रह रहे हैं. 28 सालों में करीब 300 बुजुर्ग इस वृद्धावस्था में रह चुके हैं. पैसे बचाकर शुरू किया था वृद्धाश्रम- प्रणव जब 10000 की नौकरी करते थे तो उसमें से पैसे बचाकर बुजुर्गों की मदद करते थे.
कुछ समय बाद प्रणव को अहसास हुआ कि सिर्फ आटा, दाल, चावल की मदद से काम नहीं चलेगा, इन बुजुर्गों को छत की जरूरत है. इसके बाद साल 1996 में अनादि वृद्धाश्रम की शुरुआत की. प्रणब ने अपनी सैलरी से पैसे बचाकर इन बुजुर्गों के लिए एक घर की व्यवस्था की.