एक लापरवाही ने छीन लिया होनहार जीवन कबड्डी खिलाड़ी की रैबीज से दर्दनाक मौत,आखिरी VIDEO देख कांप जाएगी रूह....
- ANIS LALA DANI

- Jul 5
- 2 min read
ब्रेकिंग ADN न्यूज़:-
Kabaddi Player Died:- एक महीने पहले आवारा पिल्ले को बचाने के दौरान काटे जाने के बाद भी राज्य स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी ब्रजेश सोलंकी ने एंटी‑रेबीज का इंजेक्शन नहीं लगवाया, जिससे अंततः उसकी मौत हो गई। यह घटना पूरे खेल और स्वास्थ्य जगत में सोचने पर मजबूर कर देने वाली चेतावनी बन चुकी है।
राज्यस्तरीय कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी (22) की रैबीज से हुई दर्दनाक मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। मार्च 2025 में फराना गांव निवासी बृजेश ने एक नाली में गिरे पिल्ले की जान बचाई, लेकिन उसी दौरान पिल्ले ने उनके हाथ की उंगली काट ली। उन्होंने इस चोट को मामूली

समझकर एंटी-रेबीज का टीका नहीं लगवाया, जो बाद में उनकी जान का कारण बन गया।
इलाज में देरी, सिस्टम पर सवाल
परिजनों ने अलीगढ़, मथुरा और दिल्ली तक कई सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए गुहार लगाई, लेकिन कहीं उसे भर्ती नहीं किया गया।
अंततः नोएडा के एक निजी अस्पताल में रैबीज की पुष्टि हुई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
28 जून को Faith Healer के पास ले जाते वक्त रास्ते में बृजेश की मौत हो गई।
गांव में टीकाकरण और जागरूकता अभियान
बृजेश की मौत के बाद गांव के 29 लोगों को एंटी-रेबीज टीका लगाया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता अभियान शुरू किया है ताकि लोग कुत्ते या अन्य जानवरों के काटने पर समय रहते टीका लगवाएं।
परिवार की मांग
बृजेश के भाई संदीप कुमार ने राज्य सरकार (Kabaddi Player Died) से नौकरी देने की मांग की है, क्योंकि बृजेश ही परिवार का एकमात्र कमाने वाला था। संदीप ने कहा, “हमने रैबीज के बारे में कभी नहीं सुना था… काश किसी ने पहले समझाया होता।” उनके भाई संदीप कुमार ने कहा, ‘वह कबड्डी की प्रैक्टिस करने गांव गए थे। उन्होंने एक कुत्ते के पिल्ले को नाले से बाहर निकाला। पिल्ले ने उन्हें काट लिया।
उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। हमने रैबीज के बारे में नहीं सुना था…। काटने के बाद बीमारी की पुष्टि अलीगढ़ अस्पताल में हुई। वह पानी पीने में हिचकिचा रहे थे… मैं सरकार से मांग करता हूं कि हमें नौकरी दी जाए, क्योंकि मेरा भाई परिवार का एकमात्र कमाने वाला था…।’
ध्यान रखने योग्य बातें
घर के आसपास के कुत्तों और पालतू जानवरों को नियमित रूप से टीका लगवाएं।
किसी भी काटने या जोर से खरोंच के बाद तुरंत जख्म धोएं और डॉक्टर से सलाह लें।
अपने समुदाय में जागरूकता फैलाएं। आप खुद भी यह शुरुआत कर सकते हैं।





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