20 से ज्यादा अधिकारी बनाए गए आरोपी, शराब घोटाला मामले में 5 हजार से ज्यादा पन्नों का चालान पेश....
- ANIS LALA DANI

- Jul 7
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ब्रैकिंग ADN न्यूज़ :-
रायपुर:- शराब घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू ने सोमवार को विशेष अदालत में चालान पेश किया। इसमें 20 से ज्यादा उन अधिकारियों के खिलाफ चालान है जो शराब घोटाला मामले में आरोपी बनाए गए हैं।
जिन अधिकारियों के खिलाफ चालान पेश हुआ है उनमें से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस वक्त सभी आबकारी विभाग में पदस्थ हैं । इन अफ़सरों पर आरोप है कि पिछली सरकार में हुए शराब घोटाले में नेताओं के इशारे पर गड़बड़ियां करते रहे।
5000 पन्नों से ज्यादा का चालान सोमवार को जांच एजेंसी के अधिकारी ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत में 29 बंडलों को लेकर पहुंचे। इन सभी में हर एक अधिकारी ने किस तरीके से नेताओं के इशारे पर शराब घोटाले में गड़बड़ी में अपना रोल अदा किया इसकी पूरी जानकारी अदालत
को दी गई है।

घोटाले में शामिल अधिकारी
जनार्दन कौरव सहायक जिला आबकारी अधिकारी, अनिमेष नेताम उपायुक्त आबकारी, विजय सेन शर्मा उपायुक्त आबकारी, अरविंद कुमार पाटले उपायुक्त आबकारी, प्रमोद कुमार नेताम सहायक आयुक्त आबकारी, रामकृष्ण मिश्रा सहायक आयुक्त आबकारी, विकास कुमार गोस्वामी सहायक आयुक्त आबकारी, इकबाल खान जिला आबकारी अधिकारी, नितिन खंडुजा सहायक जिला आबकारी अधिकारी, नवीन प्रताप सिंग तोमर सहायक आयुक्त आबकारी, मंजुश्री कसेर सहायक आबकारी अधिकारी, सौरभ बख्शी सहायक आयुक्त आबकारी, दिनकर वासनि सहायक आयुक्त आबकारी, मोहित कुमार जायसवाल जिला आबकारी अधिकारी, नीतू नोतानी ठाकुर उपायुक्त आबकारी, गरीबपाल सिंह दर्दी जिला आबकारी अधिकारी, नोहर सिंह ठाकुर उपायुक्त आबकारी, सोनल नेताम सहायक आयुक्त आबकारी, प्रकाश पाल सहायक आयुक्त आबकारी, अलेख राम सिदार सहायक आयुक्त आबकारी, आशीष कोसम सहायक आयुक्त आबकारी, ए.के. सिंग जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त), राजेश जायसवाल, सहायक आयुक्त आबकारी, जे.आर. मंडावी जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त), जी.एस. नुरूटी सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त), देवलाल वैध जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त),ए.के. अनंत जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त), वेदराम लहरे सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त), एल.एल.ध्रुव सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)।
अधिकारियों की निगरानी में दुकानों में पहुंचती थी शराब
जांच एजेंसी का दावा है कि यह शराब घोटाला 2019 से 2023 तक हुआ है। इस दौरान डिस्टलरी से जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारियों की निगरानी में डुप्लीकेट होलोग्राम लगा अवैध शराब डिस्टलरी से निकलकर सीधे दुकान जाता था।
तत्कालीन सहायक आयुक्त जनार्दन कौरव की निगरानी में डुप्लीकेट होलोग्राम प्रिंट होकर अमित सिंह, दीपक दुआरी और प्रकाश शर्मा के माध्यम से तीनों डिस्टलरी में जाती थी। वहां होलोग्राम लगाकर अवैध शराब सीधे दुकान पहुंचता था। डुप्लीकेट होलोग्राम लगी शराब की बिक्री से अरुणपति त्रिपाठी को 20 करोड़ रुपए का कमीशन मिला है।
जांच एजेंसी का दवा
क्या जांच एजेंसी ने चार्जशीट में बताया है कि फरवरी 2019 से आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार शुरू हुआ। शुरुआत में हर महीने 800 पेटी शराब से भरी 200 ट्रक डिस्टलरी से हर माह निकलती थी। एक पेटी को 2840 रुपए में बेचा जाता था। उसके बाद हर माह 400 ट्रक शराब की सप्लाई शुरू हो गई। प्रति पेटी शराब 3880 रुपए में बेचा जाने लगा। ईओडब्ल्यू की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि तीन साल में 60 लाख से ज्यादा शराब की पेटियां अवैध रूप से बेची गई।
2019 से 2023 तक शराब सप्लायरों से जिला आबकारी अधिकारियों ने 319 करोड़ रुपए की वसूली की है। यह पैसा सिंडिकेट को पहुंचाया गया। अप्रैल 2019 से जून 2022 तक अवैध शराब बेचकर 280 करोड़ रुपए वसूले गए। हर साल 70 करोड़ से ज्यादा की वसूली का टारगेट था। जिला आबकारी अधिकारियों ने इस दौरान 2174.60 करोड़ की 60 लाख पेटी अवैध शराब बेची।





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