हाई कोर्ट ने गोमांस परिवहन के मामले में की अहम टिप्पणी...
- ANIS LALA DANI
- Nov 24, 2023
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ब्रेकिंग ADN न्यूज़ :-
यूपी- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को गोमांस परिवहन के मामले में अहम टिप्पणी की है. हाई कोर्ट ने कहा, उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम गोमांस के परिवहन पर रोक नहीं लगाता है. इस अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए गोमांस परिवहन पर वाहन जब्ती की कार्रवाई नहीं की जा सकती है. यह टिप्पणी जस्टिस पंकज भाटिया ने वसीम अहमद की पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार करते हुए की है |
वसीम ने फतेहपुर जिला मजिस्ट्रेट के एक आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था. स्थानीय डीएम ने गोमांस परिवहन के आरोप में उसकी मोटरसाइकिल जब्त कर ली थी. आदेश में जिला मजिस्ट्रेट ने कहा था कि उन्हें फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक से एक रिपोर्ट मिली है कि वसीम की मोटरसाइकिल से गोमांस का परिवहन किया गया है. आगे कहा गया कि चूंकि वसीम दावे के विपरीत ठोस सबूत देने में विफल रहा, इसलिए वाहन को गोहत्या विरोधी कानून के तहत जब्त किया जाए |
अदालत ने सोमवार को दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद कहा, गोवध निवारण अधिनियम की धारा 3 यूपी के भीतर किसी भी स्थान पर गाय, बैल के वध पर प्रतिबंध लगाती है और अधिनियम की धारा पांच-ए (1) के अनुसार राज्य सरकार द्वारा जारी परमिट के बिना राज्य के बाहर से राज्य के भीतर गाय या बैल का परिवहन निषिद्ध है. लेकिन राज्य के भीतर इस तरह का प्रतिबंध नहीं है |
कोर्ट ने आगे कहा, पूरे अधिनियम या नियमों में गोमांस के परिवहन पर रोक लगाने का कोई प्रावधान मौजूद नहीं है. गोहत्या अधिनियम की धारा 5 ए के तहत लगाया गया प्रतिबंध केवल गाय, बैल या सांड के परिवहन के संबंध में है. वर्तमान मामले में राज्य में दो स्थानों के भीतर एक वाहन पर गोमांस का कथित परिवहन ना तो प्रतिबंधित है और न ही विनियमित है |