सीएसपी सिविल लाइन्स को गुमराह कर संगठित होकर सुनियोजित ढंग से झूठा एफ. आई. आर. कराने वालों पर अपराधिक प्रकरण दर....
- ANIS LALA DANI
- Jul 4
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पत्रकार अमृतेश्वर सिंह की कलम से:-
रायपुर। पिछले दिनांक 19 जून को राजधानी में छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन के खिलाफ सिविल लाइन्स थाने में एक झूठी एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। अब इस एफ.आई.आर. के खिलाफ छ. ग. डायोसिस ने काउंटर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। इसकी शिकायत उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा एवं डी.जी.पी. से भी की गयी है।

छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन की अध्यक्ष व राइट रेव्ह सुषमा कुमार, छत्तीसगढ़ डायोसिस के उपाध्यक्ष रेव्ह समीर फॅकलीन एवं प्रवक्ता डीकन मनशीश केजू ने बताया कि यशराज सिंग, वीनू बैनेट, अजय जॉन, व्ही. नागराजू एवं निलिमा रॉबिन्स आदि ने पुलिस प्रशासन को धोखे में रखकर दस्तावेजों के आधार पर झूठी एफ.आई.आर. दर्ज करवाई है। दरअसल जिस अवधि में पदाधिकारियों की कर पुराने वैधता को लेकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की गई है। उस अवधि में अजय जॉन कोषाध्यक्ष और व्ही. नागराजू स्वयं एजुकेशन बोर्ड में मेंबर थे। (संलग्न पदाधिकारियों की सूची)। श्री लेरिन्स छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन में पदाधिकारी हैं इसकी पुष्टि रजिस्ट्रार फर्म एण्ड सोसायटी के पंजीकृत वस्तावेजों से (जिसे थाना प्रभारी सिविल लाइन्स ने रजिस्ट्रार फर्म एण्ड सोसायटी से पुष्टि हेतु मंगाया था) की जा सकती है। (देखें संलग्न दस्तावेज) यशराज सिंग, वीनू बैनेट, अजय जॉन, व्ही. नागराजू, निलिमा रॉबिन्स आदि ने पुलिस को गुमराह कर षड़यंत्र पूर्वक सुनियोजित तरीके से सी.एस.पी. सिविल लाइन्स के जरिए थाना प्रभारी पद दबाव डालकर देश के संविधान के अनुसार अपराध किया है। इस वजह से हमने काउंटर एफ. आई.
आर. कराई है। छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन की ओर से इस मामले में छबि बिगाड़ने वालो के बलाफ भी कार्यवाई की जाएगी। खिलाफ N
पुलिस महानिदेशक से की गयी शिकायत इस प्रकार है।
अजय जॉन, यशराज सिंग, वीनू बेनेट, व्ही नागराजू, एवं निलिमा राबिन्स के द्वारा एकराय एवं संगठित होकर, अपराधिक षड़यंत्र कर, दुर्भावनावश द्वेषपूर्ण झूठी एवं भ्रामक जानकारी प्रदान कर लोक सेवक के समक्ष झूठा शिकायत पत्र देकर एफ.आई.आर. दर्ज कराने के संबंध में भारतीय न्याय संहिता BNS के अंर्तगत लोक सेवक को गुमराह करने, तथा आपराधिक षड़यंत्र रचने पर वण्डित किये जाने बाबत्।
आदरणीय महोदय, विषयांतर्गत सादर लेख है कि मैं नितिन लॉरेन्स, सचिव, डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़ एवं उपाध्यक्ष, छत्तीसगढ डयोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन (C.D.B.E.) राजभवन गेट नं. 01 के सामने रायपुर छ.ग. का निर्वाचित पदाधिकारी है। महोदय विगत दिनों उपरोक्त वर्णित व्यक्तियों आरोपी क्रमांक 01 से 05 द्वारा एकराय एवं संगठित होकर, लोक सेवक को गलत, झूठी एवं भ्रामक जानकारी प्रदान कर शिकायत दर्ज करायी थी जिस पर सी.एस.पी. सिविल लाइन्स के निर्देशन आदेश क्रमांक रीडर/सीएसपी/सिला/शिपू/77,77ए/2024 माह जुलाई 2024 (एनेक्सचर 01) पर एफ.आई.आर. कांक
0281/25 दिनांक 19 जून 2025 को थाना सिविल लाइन्स रायपुर जिला रायपुर छ.ग. में बोर्ड के उपाध्यक्ष
नितिन लॅरिन्स सचिव जयदीप राबिन्सन, श्रीमती रूपिका लेरिन्स एवं अन्य के विरूद्ध दर्ज किया गया है, जो कि दुर्भावनापूर्ण, द्वेषपूर्ण एवं बनावटी है।

महोदय इस संबंध में आपको अवगत कराना आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है कि डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़, मदर बॉडी सीनेड नई दिल्ली के अंतर्गत संचालित होती है तथा छ.ग. डायोसिस के अंतर्गत डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़ बोर्ड ऑफ एजुकेशन (C.D.B.E.) संचालित होती है। महोदय मदर बॉडी सी.एन. आई. सीनेड नई दिल्ली द्वारा माह जनवरी 2021 में आयोजित डायोसेसन काउन्सिल को भंग एक डायोसेसन एड-हॉक कार्यकारिणी का गठन दिनांक 10 मार्च 2023 को किया गया था। (एनेक्सचर 02)
महोदय यदि किसी डायोसेसन काउंसिल को मदर बाडी द्वारा भंग किया जाता है तो डायोसिस की कार्यकारिणी स्वतः ही अस्तित्वहीन हो जाती है। चूंकि डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन (C.D.B.E.) की मदर बॉडी है। डायोसेसन कांउसिल के भंग होने के कारण छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन (C.D.B.E.) के पूर्व पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा दिनांक 27 मार्च 2023 से दिनांक 30 मार्च 2023 के मध्य अपना-अपना त्यागपत्र अध्यक्ष को सौंप दिया। जो कि मिनिट्स में भी उल्लेखित है। (एनेक्सचर 03)
महोदय उक्त पूर्व पदाधिकारियों के त्यागपत्र देने के कारण अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन (C.D.B.E.) की नयी कार्यकारिणी का गठन किया गया था। उक्त कार्यकारिणी में जिसमें अजय जॉन को कोषाध्यक्ष के पद पर तथा व्ही. नागराजू को सदस्य बनाये गये थे। फिर भी जानबूझकर आवरणीय सीएसपी को गुमराह करते हुए संगठित होकर सुनियोजित ढंग से अपराधिक षड़यंत्र रचते हुए झूठा प्रकरण दर्ज कराया गया है। (एनेक्सचर 04).
महोदय विगत दिनों उपरोक्त वर्णित आरोपीगणों क्रमांक 01 से 05 द्वारा सुनियोजित तरीके से संगठित होकर दिनांक 29 सितम्बर 2022 का रजिस्ट्रार फर्म एण्ड सोसाइटी द्वारा जारी धारा 27 की प्रति को आधार बनाकर सी.एस.पी. सिविल लाइन्स को भ्रामक जानकारी प्रदान कर गुमराह करते हुए संगठित होकर अपराधिक उद्देश्य से यह जानते हुए कि दिनांक 26 जुलाई 2023 छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन (C.D.B.E.) द्वारा रजिस्ट्रार फर्म एण्ड सोसाइटी को नयी कार्यकारिणी की जानकारी देने पर रजिस्ट्रार फर्म एण्ड सोसाइटी ने नयी सूची में पदाधिकारियों एवं सदस्यों के नाम को धारा 27 की सूची में अंकित किया है। उक्त तत्थ्यों की जानकारी अजय जॉन एवं की. नागराजू एवं सभी सहयोगी आरोपीगणों क्रमशः 01 से 05 को भी भली-भांति थी। क्योंकि उस समय छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन (C.D.B.E.) में आरोपीगण अजय जॉन कोषाध्यक्ष एवं व्ही. नागराजू सदस्य के तौर पर धारा 27 में सूचीबद्ध थे। फिर भी लोक सेवक को सुनियोजित तरीके से संगठित होकर भ्रामक एवं झूठी जानकारी दिया जाकर अपराध पंजीबद्ध कराया गया है।

महोदय 13 जून 2024 को सचिव छ.ग. डायोसिस बोर्ड द्वारा रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसाइटी के संसूचना आदेश के परिपालन में एक आपराधिक प्रकरण क 0333/24 थाना सिविल लाइन्स रायपुर छ.ग. में छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन के विधिवत एवं जिम्मेवार पदाधिकारी होने के नाते दर्ज कराया गया था। (एनेक्सचर 05)
उक्त प्रकरण में थाना प्रभारी सिविल लाइन्स रायपुर छ.ग. के पत्र के थाना/सिला/राय/अप. /236/24/दिनांक 23 जून 2024 द्वारा रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसाइटी रायपुर से विवेचना के दौरान पत्र की कंडिका 07 में यह जानकारी मांगी गयी थी कि क्या नितिन लॉरेन्स एवं जयदीप रॉबिन्सन छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन (C.D.B.E.) पंजीयन कमांक 2937 में पदस्थ है? जिसके संबंध में रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसाइटी थाना प्रभारी द्वारा थाना सिविल लाइन्स रायपुर छ.ग. को फमांक/शिका/1661/840/24/ दिनांकित 24 जुलाई 2024 में कंडिकावार जवाब प्रस्तुत कर पृष्ठ कमांक 03 पत्र
के कंडिका 07 में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया है कि दिनांक २० जुलाई 2023 एवं 19 जुलाई 2024 को प्रस्तुत धारा 27 की जानकारी के अनुसार वर्तमान कार्यकारिणी की सूची में श्री नितिन लॉरेन्स का नाम उपाध्यक्ष एवं श्री जयदीप रॉबिन्सन का नाम सचिव के पद पर अंकित है। तथा रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसाइटी के द्वारा अपने पत्र के 1661/840/24 के द्वारा दिनांक 24 जुलाई 2024 के पत्र में 29 जुलाई 2014 से 20 जुलाई 2027 तक धारा 27 की सूची को भी उल्लेखित किया है। (एनेक्सचर 04 के अनुसार)

महोदय यशराज सिंग, बीनू बेनेट, अजय जॉन, व्ही. नागराजू एवं निलिमा रॉबिन्स अपराधिक पृष्ठभूमि एवं अपराधिक गतिविधयों में संलग्न रहने वाले लोग हैं। बीनू बेनेट जिसके विरूद्ध फर्जी अंकसूची एवं जालसाजी के अपराध में गोल बाजार थाना रायपुर छ.ग. में अपराध पंजीबद्ध रहा है। (जिसकी पुष्टि थाना गोल बाजार रायपुर से की जा सकती है)
महोदय विगत दिनों यशराज सिंग एवं बीनू बेनेट द्वारा मुझे ब्लेकमेलिंग एवं भयादोहन किया जाने के कारण थाना सिविल लाइन्स बिलासपुर छ.ग. में अपराध क्रमांक 0147/24 के अंर्तगत अपराध पंजीबद्ध कराया गया है। (एनेक्सचर 06) इसी प्रकार यशराज बीनू बेनेट एवं व्ही. नागराजू के विरूद्ध भी महिला थाना रायपुर में अपराध पंजीबद्ध है।
महोदय दिनांक 19 जून 2025 को यशराज सिंग एवं बीनू बेनेट द्वारा मुझे अश्लील गाली देते हुए वीनू बेनेट को सेंट पॉल्स स्कूल का प्राचार्य नियुक्त कर तथा बिलासपुर में हमारे विरूद्ध किए गये अपराधिक प्रकरण को वापस लेने के लिए दबाव बनाते हुए जान से मार डालने की धमकी दी गयी जिसकी शिकायत मेरे द्वारा थाना सिविल लाइन्स रायपुर में दर्ज कराई गयी है। (एनेक्सचर 07)
महोदय आरोपीगणों की बेबुनियाद शिकायतों को माननीय रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसाइटी के आदेश कमांक शिका/1719/1126/23 दिनांक 12 सितम्बर 2023 के अनुसार अनावश्यक मानते हुए खारिज किया है। (एनेक्सचर 08)

महोदय यह भी विवित होवे कि निलिमा रॉबिन्स सी एन आई की सदस्य नहीं है। साथ ही अजय जॉन, व्ही नागराजू, यशराज सिंग, वीनू बेनेट, मुकुल बेनेट एवं अन्य के विरूद्ध पूर्व में भी कलीसियाई अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी है। अब इनकी भी परिवार सहित सी एन आई की सदस्यता समाप्त की जाएगी। लेकिन इसे समाजिक बहिस्कार नहीं समझा जाए। सामाजिक सामूहिक आराधना भक्ति हेतु धार्मिक स्वतंत्रता इन्हें होगी।
अतः महोदय से निवेदन है कि शिकायतकर्ताओं द्वारा एकराय, संगठित होकर, सुनियोजित ढंग, एवं दुर्भावनापूर्ण भावना से, झूठे सबूत प्रस्तुत कर, आपस में अपराधिक षडयंत्र कर, झूठा शिकायतपत्र देकर लोक सेवक को भ्रमित जानकारी में रखकर मेरे, मेरी पत्नि एवं अन्य के विरूद्ध अपराध दर्ज कराया है जो कि गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए उपरोक्त वर्णित आरोपीगणो के विरूद्ध भारतीय न्यायसंहिता के अंर्तगत उचित कानूनी कार्यवाही करते हुए दणित किये जाने की विशेष कृपा हो।