83% नहीं पहचान पाते फर्जी आवाज, ऐसी कॉल आए, तो क्या करें?
- ANIS LALA DANI

- Jan 17, 2024
- 4 min read
ब्रेकिंग ADN न्यूज़ :-
आज कल ठगी का नया जरिया बना है वॉइस क्लोनिंग. ठग पीड़ित के किसी करीबी रिश्तेदार या खास दोस्त के पास उसी की आवाज में फोन पर बात करते हैं और इमरजेंसी बताकर हजारों लाखों रुपये की ठगी कर लेते हैं. ठग आवाज बदलने के लिए वॉइस क्लोनिंग टूल का इस्तेमाल करते हैं.
भारत में इस तरह की धोखाधड़ी तेजी से बढ़ रही है. दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वॉइस स्कैम का सबसे ज्यादा भारत के ही लोग शिकार हो रहे हैं. एक सर्वे में शामिल 47 फीसदी से ज्यादा भारतीयों ने माना है कि या तो वो खुद पीड़ित हैं या ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो वॉइस स्कैम का शिकार हुआ है.
आइए समझते हैं आखिर क्या है वॉइस क्लोनिंग, कैसे किसी की आवाज कुछ ही सेकंड में हो जाती है चोरी, कितने और कैसे खुद को ठगी का शिकार होने से बचाएं.
क्या होता है वॉइस क्लोनिंगAI वॉइस क्लोनिंग एक टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति की आवाज की नकल उतारने के लिए किया जाता है. ये नकली आवाज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से तैयार होती है जो एकदम हू-ब-हू होती है.
आवाज की कॉपी करने वाले तरीके को वॉइस क्लोनिंग कहा जाता है. ये आवाज इतनी अच्छे से कॉपी हो जाती है कि किसी के लिए भी असली और नकली आवाज में अंतर करना मुश्किल होता है. यहां तक सगे संबंधी भी नहीं पहचान पाते हैं.
कैसे तैयार हो जाती है नकली आवाजएक बार जब किसी ठग को किसी की ऑडियो क्लिप मिल जाती है, तो उसे बस उस वॉइस क्लिप को ऑनलाइन किसी एआई टूल वाली वेबसाइट/ऐप पर अपलोड करना होता है.
ये एआई टूल उसी आवाज में कुछ भी नया रिकॉर्ड करने में सक्षम होता है. कुछ ही सेकंड में नई ऑडियो क्लिप डाउनलोड हो जाती है.
ऑनलाइन ऐसी वॉइस क्लोनिंग के लिए ढेर सारी एप्लिकेशन मौजूद हैं. इनमें कुछ एप्लीकेशन फ्री हैं और कुछ 15 से 100 डॉलर प्रति महीने के हिसाब से चार्ज करती हैं.
3 सेकंड का वॉइस नोट ही चोरी के लिए काफीआपकी आवाज की नकल करने के लिए सिर्फ तीन सेकंड की ऑडियो क्लिक ही काफी है. इस छोटी सी क्लिप से आपकी आवाज में किसी भी भाषा में कुछ भी नया रिकॉर्ड किया जा सकता है.
ठग ये ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब) पर मौजूद आपके किसी ऑडियो, वीडियो या रील से ले सकते हैं. या अगर आपने व्हाट्सअप पर किसी को वॉइस नोट भेजा है तो वहां से भी ऑडियो क्लिप ले सकते हैं.
ऑडियो क्लिप हासिल करते ही ठगों का आधा काम हो जाता है. अब उन्हें सिर्फ आपके किसी सगे संबंधी की जानकारी और उनका फोन नंबर हासिल करना होता है. इसके बाद आपके रिश्तेदार या दोस्त को सीधे फोन घुमा दिया जाता है या वॉइस नोट भेजकर इमरजेंसी की बात कहकर पैसे की डिमांड करते हैं.
किस तरह के बहाने बनाते हैं ठग?साइबर सिक्योरिटी एजेंसी McAfee ने रिसर्च रिपोर्ट में खुलासा किया है कि दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए वॉइस स्कैम सबसे ज्यादा भारत में हो रहे हैं. यहां 4 में से 1 व्यक्ति इस तरह के स्कैम से प्रभावित है. दुनिया के सात देशों में 7054 लोगों पर किए गए सर्वे की रिपोर्ट इस प्रकार है-
83 फीसदी लोग ये पता लगाने में असमर्थ हैं कि उनके पास आया स्पैम कॉल किसी मशीन या सॉफ्टवेयर की मदद से किया गया है या सच में कोई इंसान बोल रहा है.
रिपोर्ट से पता चला कि 47 फीसदी भारतीय या तो पीड़ित हैं या किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो एआई वॉइस स्कैम का शिकार हुआ है. दुनिया में ये आंकड़ा 25 फीसदी है.
66 फीसदी भारतीयों ने बताया है कि ऐसे वॉइस स्कैम वाले ज्यादा कॉल किसी मित्र या परिवार के सदस्य से आते है जिसे पैसे की तत्काल आवश्यकता होती है. इनमें संभवतः माता-पिता (46%), जीवनसाथी (34%) या उनके बच्चे (12%) होते हैं.
स्कैम वॉइस कॉल्स में सबसे ज्यादा दावा किया गया था 'मैं लुट गया हूं' (70%). इसके बाद 'कार एक्सीडेंट हो गया' (69%), 'फोन खो गया/वॉलेट खो गया' (65%) या 'विदेश हू्ं पैसे की तुरंत जरूरत है' (62%) जैसे बहाने बनाए गए.
ठगी से बचने का उपाय
सबसे पहले अनजान नंबर से आने वाले कॉल पर विशेष ध्यान देना है, उसकी बातों पर तुरंत विश्वास नहीं करना है. उससे बात करने से पहले उसकी पहचान सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है. कॉलर आईडी बताने वाली ऐप जैसे ट्रूकॉलर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
किसी रिश्तेदार या दोस्त की कॉल अगर किसी अनजान नंबर से आती है तो अलर्ट रहिए. कोशिश करिए फोन काटकर उसके व्यक्ति के असली नंबर पर कॉल करके बात करें.
अगर वह व्यक्ति फोन खो जाने का बहाना बनाता है या किसी और तरीके से जिद करता है तो उससे कुछ सवाल पूछिए जिसके बारे में सिर्फ आप दोनों ही जानते हैं. अगर वह ठग होगा तो जवाब नहीं दे पाएगा. अगर फिर भी आपको उसपर शक होता है वीडियो कॉल पर आने की बात कहिए. वेरीफाई करने के बाद ही पैसा ट्रांसफर कीजिए.
अनजान शख्स के किसी अत्यावश्यक अनुरोध से बचें. ऐसे लोग अक्सर बिना सोचे समझे तुरंत निर्णय लेने के लिए दबाव बनाते हैं. कुछ भी जल्दबाजी में फैसला न लें, खासकर जब कॉल करने वाला व्यक्ति पैसे या निजी जानकारी मांग रहा हो.
अनजान व्यक्ति से ज्यादा देर तक बातचीत न करें. क्योंकि जितनी देर तक आप बातचीत जारी रखेंगे, वो आपसे ज्यादा पैसे या जानकारी देने के लिए मनाने की कोशिश करता रहेगा. बातचीत जल्द से जल्द खत्म करें.
अपनी निजी जानकारी सार्वजनिक न करें. सोशल मीडिया पर शेयर की जाने वाली जानकारी के प्रति सावधान रहें. ज्यादातर ठग जानकारी सोशल मीडिया के जरिए ही लेते हैं.
फिर भी ठगी का शिकार हो गए तो फिर क्या करें?सभी सावधानियां बरतने के बाद भी अगर आप ठगी का शिकार हो जाते हैं तो अब आगे क्या करना चाहिए? सबसे पहले आपके बैंक अकाउंट से धोखाधड़ी करके निकाले गए पैसों को वापस लेने के लिए अपने बैंक से संपर्क करें. अगर बैंक ब्रांच दूर है तो फोन करके कस्टमर केयर को जानकारी दीजिए.
साथ ही पुलिस को जानकारी दें. धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क करें. आप साइबर सुरक्षा अधिकारियों को भी रिपोर्ट कर सकते हैं. जैसे कि नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) या नेशनल इनफार्मेशन सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (NIST).
वॉइस क्लोनिंग एक पावरफुल टेक्नोलॉजी है कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हैं तो कुछ अच्छे काम के लिए भी किया सकता है. जैसे फिल्मों, टीवी शो और वीडियो गेम में काल्पनिक पात्रों की आवाज बनाने के लिए किया जा सकता है.
बड़ी कंपनियां अपने ग्राहकों को सेवा देने के लिए कस्टमर केयर की आवाज बनाने के लिए करती हैं. या स्कूल कॉलेज में नई भाषाएं सीखने के लिए भी वॉइस क्लोनिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है.





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