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अमर शहीद बलवंत राय मेहता की 125वीं जन्म जयंती समारोह छत्तीसगढ़ में संपन्न...





































पत्रकार कमलेश विश्वकर्मा की क़लम से:-

  • छत्तीसगढ़ सरकार पंचायतों को अधिकार हस्तांतरित करे:- शीतला शंकर विजय मिश्र मुख्य महामंत्री

  • पंचायतों को संवैधानिक अधिकार राज्य सरकारें प्रधान करे:- अशोक सिंह जादौन

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य पंचायत परिषद की संयोजक मंजु सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही -

अंबिकापुर। ऑल इंडिया पंचायत परिषद के मुख्य महामंत्री  शीतला शंकर विजय मिश्र एवं अध्यक्ष  अशोक सिंह जादौन, छत्तीसगढ़ राज्य पंचायत परिषद की संयोजक मंजु सिंह के द्वारा अम्बिकापुर, छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय पंचायत परिषद के संस्थापक अध्यक्ष एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व मुख्य मंत्री गुजरात अमर शहीद  बलवंत राय मेहता  की 125 वीं जन्म जयंती समारोह ,ग्राम सशक्तिकरण एवं आत्म निर्भर गाँव,चलो गाँव की ओर (ग्राम स्वराज) अभियान कार्य क्रम में भाग लेने के लिए दो दिवसीय भ्रमण पर अम्बिकापुर छत्तीसगढ़ पधारे।

जन्म जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए  शीतला शंकर विजय मिश्र मुख्य महामंत्री, ने कहा कि ऑल इंडिया पंचायत परिषद के अनवरत संघर्षो के परिणाम स्वरूप त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के जनक  मेहता  के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों के अनुरूप भारतीय संविधान में 73वाँ एवं 74वाँ संशोधन हुआ और राज्य सरकारों ने अपने राज्य में पंचायती राज एक्ट बना कर त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं का का निर्वाचन कराना प्रारम्भ तो कर दिया परंतु 73वें, 74वें संवैधानिक संशोधन द्वारा प्रदत्त 29 विभागों के अधिकारों को पंचायती राज संस्थाओं को विधिवत हस्तांतरित आज तक नहीं किया है और न, ही यथोचित सम्मान जनक मानदेय दिया है।

छत्तीस गढ़ राज्य पंचायत परिषद के माध्यम से ऑल इंडिया पंचायत परिषद ने त्रिस्तरीय पंचायतों के संवैधानिक अधिकारों एवं निर्वाचित प्रतिनिधियों क्रमशः सरपंच को 15 हज़ार, ब्लॉक प्रमुख को 20 हज़ार एवं अध्यक्ष ज़िला परिषद को 25 हज़ार रुपए तथा ज़िला परिषद सदस्य को 10 हज़ार, क्षेत्र पंचायत सदस्यों को 7 हज़ार एवं ग्राम पंचायत सदस्यों को 5 हज़ार रुपये प्रतिमाह मानदेय राज्य सरकार से दिलवाने के लिए जन जागरण पखवारा अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

विष्णुदेव साय  माननीय मुख्य से अपील है कि वह संवैधानिक संशोधन द्वारा प्रदत्त अधिकारों एवं उपरोक्त मासिक मानदेय निर्वाचित प्रतिनिधियों को यथा शीघ्र बिना किसी टकराव के देने की घोषणा करें और लागू करें ताकि अमर शहीद  बलवंत राय मेहता  के गाँव गणराज्य के संकल्प एवं गांधी के ग्राम स्वराज की कल्पना को साकार किया जा सके।

छत्तीसगढ़ सरकार ने जो मानदेय दिया जा रहा है वह बहुत कम और सम्मान जनक नही है उस पर पुनर्विचार करे। मिश्र ने कहा कि पेशा पंचायत के अनुसार प्रधानमंत्री एवं मुख्य मंत्री राज्य सरकार छत्तीस गढ़ बताएँ कि आदि वासियों के हालात कब सुधरेंगे? छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड एवं राजस्थान में गर्मी के दिनों में पेयजल समस्या रहती है, शहर, गाँव और क़स्बों में रहने वाले लोगों के साथ आदिवासियों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। आदिवासियों के घर जंगलों में बने होते हैं, सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुँच पाता है। ऐसे में बिजली , पानी, समेत सरकारी मूल भूत योजनाओं का लाभ आदिवासियों को नहीं मिल पाता है। इन वंचित योजनाओं का लाभ आदिवासियों को मिलना चाहिए।

यह आश्चर्य जनक है कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासियों के लिए चलाई जा रही 250 योजनाओं में से लग भग 54%योजनाओं में एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ है। इस ओर तेज़ी लाने की आवश्यकता है। हमें यह समझना होगा कि आदिवासी भी हमारे समाज के अहम हिस्सा हैं। वे लोग न केवल कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं बल्कि जंगलो की ज़िम्मेदारी भी अपने कंधों पर उठाए होते हैं। इसके साथ अपने समुदाय की सदियों पुरानी संस्कृति को बचाए रखते हैं। आदिवासियों को मूलभूत सुविधाएँ प्राप्त हो सकें, यह उनके समुदाय के उद्धार के लिए ज़रूरी है । यह तभी सम्भव होगा, जब हम आदिवासियों की बात सुनें और उन्हें हल कराने का प्रयास करें।

 मिश्र ने कहा कि आदिवासी जंगल में निवास करते हैं और जंगल पर ही उनकी आजीविका निर्भर होती हैं। जंगलों के बिना आदिवासियों की कल्पना मुश्किल है। जंगलों में लकड़ियाँ, देशी औषधि और मवेशियों का चारा बेंच कर उनके परिवार का भरण पोषण होता है। आज भी राष्ट्रीय स्तर पर शासन प्रशासन की ओर से आदिवासियों को पर्याप्त सुविधाएँ नहीं मिल रही है। फ़िलहाल शिक्षा का स्तर सुधरने के कारण आदिवासी समाज में रोज़गार उपलब्ध होने से घर की माली हालत ठीक हुई है, लेकिन हालात सुधरने में थोड़ा समय लग सकता है। माननीय प्रधान मंत्री  से अपील है कि आदिवासियों के चतुर्मुखी विकास के लिए तत्काल सकारात्मक कदम उठायें और जल, जंगल, ज़मीन पर उनको मालिकाना हक़ भी देने के लिए क़ानून बनाएँ।  मेहता  को यही सच्ची श्रधांजलि होगी।

 अशोक सिंह जादौन,राष्ट्रीय अध्यक्ष ऑल इंडिया पंचायत परिषद ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण एवं 73वें संविधान संशोधन के द्वारा पंचायतों को प्रदत्त 29 विषयक संवैधानिक अधिकारों को राज्य सरकारों से त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को हस्तानांतरित करवाने के लिए और आत्म निर्भर गाँव की कल्पना को साकार करने के उद्देश्य से चलो गाँव की ओर अभियान कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त निर्वाचित प्रतिनिधियों का आह्वान किया के वे संघर्ष के लिए तैयार रहें ।

 सिंह ने कहा कि ग्राम सभायें जब तक आत्म निर्भर नहीं होगी तब तक आज़ादी के 76 वर्ष के तहत अमृत महोत्सव आधा - अधूरा है।  जादौन ने माँग की कि प्रधान मंत्री  स्व घोषित आदर्श ग्राम सभाओं के विकास की समीक्षा कराकर देश को बताएँ कि देश में कितनी ग्राम सभाएँ अभी तक आदर्श ग्राम सभा बन पायी हैं? मुख्य अतिथि  जादौन  ने संकल्प लिया कि अमर शहीद  मेहता  के दिखाए रास्ते पर चल कर उनके अधूरे स्वप्नों को साकार करने का प्रयास करेंगे ।

जन्म दिवस समारोह की अध्यक्षता मंजु सिंह संयोजक, छत्तीसगढ़ राज्य पंचायत परिषद ने अध्यक्षता की और कार्यक्रम का संचालन सहयोगी ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि द्वय अशोक सिंह सेंगर अध्यक्ष मध्य प्रदेश राज्य पंचायत परिषद एवं महेंद्र सिंह बुंदेला, मंत्री, अखिल भारतीय पंचायत परिषद ने सारगर्भित विचार व्यक्त किया।

 संजय हेमंत नेताम, अनुपम अग्रवाल, अदिति बाघमार, एवं अम्बिकापुर ने पंचायती राज की विसंगतियों पर प्रकाश डाला।

जन्म दिवस समारोह में मुख्य रूप से  अदिति बाघमार जिला पंचायत सदस्य बलोदाबजार, डा कुशल राम वर्मा जिला पंचायत सदस्य बलोदाबजार, अनूप अग्रवाल जनपद सदस्य, कीर्ति वर्मा समाज सेविका, पंचम पटेल प्रदेश सचिव अखिल भारतीय पंचायत परिषद छत्तीसगढ़, बृजराज सिंह सरगुजा जिला अध्यक्ष, अनुपम अग्रवाल जिला अध्यक्ष बलौदा बाजार, उमेश प्रधान जशपुर जिला अध्यक्ष, उपेंद्र सिंह पैकरा जिला अध्यक्ष अंबिकापुर, प्रभु सिंह छत्तीसगढ़ सह मीडिया प्रभारी, छत्तीगढ़ राज्य पंचायत परिषद के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित पंचायतों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।

 
 

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